सेवा परमो धर्मः

Rules (नियमावली)

नियमावली
(नवोदय सोशल केयर टीम – NSCT)
नवोदय सोशल केयर समिति

देश के सभी नवोदयन इस टीम से जुड़े और टीम के किसी भी वैधानिक सदस्य की असामयिक म्रत्यु पर उसके परिवार का मिलकर सहयोग किया जायेगा ।

वेबसाइट :- www.mynsct.com

Helpline :- 9229226922 – 8120445566

रजिस्ट्रेशन नंबर :- 05/26/01/16781/23

NSCT से कैसे जुड़े

संस्था (NSCT) से जुड़ने के लिए वेबसाइट www.mynsct.com पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर लें, साथ ही संस्था (NSCT) के टेलीग्राम ग्रुप एवं वेबसाइट से अवश्य जुड़ जाए, समस्त अपडेट और जानकारी आपको मिल जाएगी ।

नियम

संस्था (NSCT) से विधिक रूप से रजिस्ट्रेशन के पश्चात् आपको ग्रुप पर अपडेट की नजर रखनी होगी, किसी भी नवोदयन की मृत्यु पर उसके परिवार का सहयोग सहयोग फॉर्म भरना अनिवार्य है। सहयोग करने पर ही सहयोग मिलेगा। नियम और अनुशासन सर्वोपरि है।

सदस्यता शुल्क – संस्था (NSCT) से जुड़ने के लिए कोई सदस्यता शुल्क नहीं देना है ।

व्यवस्था शुल्क – व्यवस्था शुल्क 100 रुपये निर्धारित है, जो कि समिति के खाते में ऑनलाइन माध्यम से लिया जाता है, और समय समय पर समिति उसका हिसाब देगी और व्यस्था शुल्क के एवज में विभिन्न प्रकार की व्यवस्थायें सदस्यों को दी जाएगी। व्यवस्था शुल्क न जमा करने पर किसी की सदस्यता समाप्त नहीं की जाती है ।

नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) नियमावली
सहयोग परमो धर्मः

नवोदय सोशल केयर समिति की स्थापना 25 सितंबर 2023 को नवोदयन की, नवोदयन के लिए, नवोदयन के द्वारा सहयोग हेतु बनाई गयी देश की पहली टीम है । नवोदय सोशल केयर समिति से जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार का सदस्यता शुल्क नहीं लिया जाता है । नवोदय सोशल केयर समिति में सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है । किसी भी नवोदयन को बाध्य करके नवोदय सोशल केयर समिति से नहीं जोड़ा जाता बल्कि नवोदयन स्वेच्छा से जुड़ते हैं। अगर आप

सदस्यों हेतु मुख्य नियम

1. नवोदय सोशल केयर समिति का निर्माण नवोदयन के लिए जो हैं वैधानिक 21 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं और 51 वर्ष से कम हों.

2. नवोदय सोशल केयर समिति से जुड़ने हेतु आवश्यक सूचना सम्बन्धी ऑनलाइन / ऑफलाइन फॉर्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है, साथ ही नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) का टेलीग्राम पर अधिकारिक ग्रुप बनाया गया है जिस पर समय समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाये प्रदान की जाती हैं । इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने सम्बन्धी विचार सुझाव रखने का ग्रुप के सदस्यों को भी अवसर दिया जाता है । यही कारण है की नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) का सदस्य बनने के साथ ही महत्वपूर्ण सूचनाओ से अपडेट रहने हेतु टेलीग्राम ग्रुप एवं वेबसाइट को सप्ताह में कम से कम 2 बार देखने और अपडेट रहने की बाध्यता भी रखी गयी है । कोई भी सदस्य अगर टेलीग्राम ग्रुप नियमतः नहीं देखता और सम्बंधित सूचनाये यदि प्राप्त नहीं कर पाता तो सम्बंधित नवोदयन स्वयं जिम्मेदार होगा । फिर भी प्रयास किया जाता है कि अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से भी आवश्यक सूचनाओ का प्रसारण किया जाता है । नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) का प्रथम दिवस से ही नियम है – जो सहयोग करेगा, उसे ही सहयोग मिलेगा । नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) में प्रथम दिवस से सदस्यता पूरी तरह से निःशुल्क है, टीम से जुड़ने के लिया कोइ शुल्क नहीं लगता, बस दिवंगत सदस्यों के परिवार को सहयोग ही भेजना जरुरी होता है ।

(यह नियम स्थापना के समय से लागू है)

3. NSCT द्वारा हेल्पलाइन नंबर – 9229226922, 8120445566 सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया गया है, जिस पर कॉल/वहाट्सअप के माध्यम से जानकारी का आदान-प्रदान किया जा सकता है कोई भी सदस्य इस नंबर पर कॉल या मैसेज करके सूचना दें/लें सकते हैं ।

4. नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) के निर्माण के पूर्व कई सहयोग किये गए हैं, जिसमे सभी के सहयोग की अनिवार्यता नहीं थी। जिसके कारण सहयोग राशि बहुत कम एकत्रित होती थी । इसी को देखते हुए नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) के निर्माण की आवश्यकता हुई ।

5. नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT) के सभी सदस्यों को हर सहयोग करना अनिवार्य होगा । जो सहयोग करेगा उसी को सहयोग मिलेगा । नियमो के दुरूपयोग होने की सम्भावना के दृष्टिगत टेलीग्राम ग्रुप, वेबसाइट और जिला कार्यकारणी और आईटी सेल से सर्व सम्मति से निर्णय के बाद 90 दिन का लाक इन पीरियड बनाया गया है ।

5.(A) 90 दिन के लाक इन पीरियड से तात्पर्य यह है कि यदि कोई नवोदयन 01 जनवरी को रजिस्ट्रेशन किया और यदि उसकी मृत्यु 31 मार्च की रात 12 बजे तक हो जाती है, तो उसे सहयोग नहीं किया जायेगा। यदि ऐसे सदस्य की म्रत्यु सदस्य बनने के 91 दिन हो जाती है तो उसे NSCT द्वारा सहयोग किया जायेगा। (NSCT का सदस्य बनने के दिन से ही सहयोग करना अनिवार्य रहेगा लेकिन लाक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होने पर सहयोग नहीं किया जा सकेगा). विशेष परिस्थितियों में अंतिम निर्णय कोर कमिटी को लेने का अधिकार रहेगा जो सर्वमान्य होगा. इस निर्णय पर कोई भी आपत्ति नहीं की जा सकेगी.

5.(B) नवोदय सोशल केयर समिति(NSCT) कोर टीम सहयोग के आवाहन हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी, वैधानिकता या किसी प्रकार के मामलो में जहाँ उचित समझेगी अपने स्तरसे परिक्षण करने को स्वतंत्र होगी । कोई भी सदस्य/नामिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु क़ानूनी दावा/अधिकार नहीं कर सकेगा, बल्कि संस्था नैतिक रूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी ।

5.(C) नवोदय सोशल केयर समिति(NSCT) दिवंगत सदस्यों के एक से अधिक नामिनी होने की स्थिति दुसरे नामिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वविवेक एवम स्वतः हस्तक्षेप करने को स्वतंत्र होगी, जिस पर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की क़ानूनी या गैर-क़ानूनी कदम नहीं उठाया जा सकेगा । लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने/भ्रम फ़ैलाने/दुष्प्रचार करने या दुर्व्यहार करने पर सहयोग की गयी राशि वापस करवा कर किसी भी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है । ऐसे मामलो में टीम क़ानूनी कार्यवाही भी करने हेतु स्वतंत्र होगी ।

5.(D) सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी नवोदयन द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे/हो चुके नामिनी के खाते में भेज दी गयी हो तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नामिनी द्वारा वो धनराशी उस नवोदयन/सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा । इस हेतु संस्था गारंटी नहीं ले सकेगी किन्तु नियमानुसार गलती से भेजी गयी धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी ।

6. वर्तमान समय में सहयोग प्राप्त करने हेतु सभी सहयोग करना अनियार्य है। सदस्य बनने के बाद लाक इन पीरियड की अवधि के उपरांत समस्त सहयोग करने के बाद नियमतः जारी वेबसाइट/गूगल फार्म भरते हुए रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा। बिना सहयोग किये या सहयोग करने के बाद गूगल फार्म न भर पाने की स्तिथि में सहयोग प्राप्त करने हेतु योग्य नहीं माना जा सकेगा । क्यूंकि वैधानिकता की पुष्टि हेतु सहयोग के बाद फार्म भरना अनिवार्य है।

7. यदि किसी नवोदयन के सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या बीच में किसी का सहयोग नहीं किया गया तो ऐसी स्तिथि में वह वैधानिक सदस्य नहीं होगा । ऐसे सदस्य निम्नलिखित नियमो के तहत अपनी वैधानिकता सक्रिय कर सकेंगे-

7.(A) ऐसे सदस्य जो जुड़ने के उपरान्त लगातार सहयोग करते आ रहे हैं अगर दस(10) सहयोग से पहले कोई सहयोग ब्रेक होता है तो वैधानिकता समाप्त हो जाएगी, किन्तु एक बार वैधानिकता समाप्त होने पर लगातार तीन(03) सहयोग करके सदस्यता पुनः बहाल की जा सकेगी । तीन(03) सहयोग पूरे होने तक वह सदस्य सहयोग प्राप्त करने हेतु वैध नहीं होगा, तीन(03) सहयोग पूरा करते ही वह वैधानिक सदस्य हो जायेगा । लेकिन यह 01 सदस्य को केवल 01 ही बार ऐसा अवसर दिया जाएगा । यहाँ पर यह भी ध्यान देने योग्य होगा की बीच में केवल 02 सहयोग ही अधिकतम ब्रेक हुआ हो । इससे अधिक सहयोग होने की दशा में नियम 7B लागू होगा ।

7.(B) रजिस्ट्रेशन करने के बाद सहयोग न करने वाले सदस्य यदि स्वतः क्रियाशील होकर वैधानिक सदस्य बनकर सहयोग करने की स्तिथि में एवम बीच में 02 से अधिक सहयोग ब्रेक होने की स्तिथि में, 05 सहयोग करने के बाद ही सदस्यता बहाल मानी जाएगी । जब तक 05 सहयोग नहीं किये जाते, बीच में मृत्यु होने की स्तिथि में वह सदस्य अवैधानिक होगा और सहयोग नहीं प्राप्त कर सकेगा । कोर टीम की विशेष संस्तुति पर लगातार 05 सहयोग करने पर ही सदस्यता बहाल की जा सकेगी ऐसे मामले में 03 माह का लाक इन पीरियड भी लागू रहेगा । (यह जरुरी नहीं कि 03 माह का लाक इन पीरियड पूरा होने तक 05 सहयोग करने का अवसर आये, 03 माह के लाक इन पीरियड पूरा करने के बाद 05 सहयोग पूरा करना अनिवार्य होगा )

7.(C) जो सदस्य किसी कारण से सहयोग नहीं कर पाए, उनको हमेशा के लिए निकलने से अच्छा एक मौका देना है । यदि कोई नया रजिस्ट्रेशन करता है, तब भी लाक इन पीरियड होती है । उसी प्रकार जो अब तक सहयोग नहीं किया है और अब सहयोग करना चाह रहे हैं वो लगातार 05 सहयोग और उनके लिए 03 माह का लाक इन पीरियड होगा ।

7.(D) किसी अन्य व्यस्तता, पारिवारिक व्यस्तता, समारोह, कार्यक्रम आदि अन्य स्तिथियों स्वयं या पारिवारिक आदि की स्तिथि में सहयोग छूट जाने की दशा में दावा मान्य नहीं होगा, इस हेतु क्रमिक सहयोग करके वैधानिकता बहाल करने की व्यवस्था / 10 सहयोग के बाद 90% अवसरों में सहयोग की स्तिथि सम्बन्धी नियम लागू होगा ।

8. कम से कम 10 सहयोग हो जाने के बाद यह देखा जा सकेगा की किसी सदस्य नें 90% अवसरों पर यानि 10 में से 9 बार कम से कम यदि सहयोग किया है तो उसे किसी एक सहयोग न कर पाने के कारण उसका सदस्यता न तो निलंबित होगी न ही उसे सहयोग से इंकार किया जायेगा बशर्ते सहयोग न कर पाने का वाजिव संतोषजनक कारण हो। इस प्रकार की छूट सहयोगों की कुल संख्या बढ़ने यानि 10 बार 20 बार , 50 बार के साथ साथ विचाराधीन रहेगी और उसके सहयोग के प्रतिशत में 80% से 90% तक विचार किया जा सकेगा । लेकिन 10 सहयोग के बाद ही 90% का नियम अगले संशोधन तक लागू माना जायेगा। 10 सहयोग से पहले 90% अवसरों पर सहयोग के नियम को नहीं माना जायेगा । तब तक समस्त सहयोग करना अनिवार्य होगा ।

8.(A) किसी नवोदयन के सदस्य बनने के 10 सहयोग पूरे करने के उपरांत प्रति वर्ष अपरिहार्य स्तिथि में 01 सहयोग न कर पाने की दशा में केवल 01 छूट दी जा सकेगी , लेकिन पूर्व में उसके द्वारा सदस्य बनने के बाद 10 सहयोग किया गया हो ।

8.(B) यदि कोई नवोदयन / सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किन्तु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग ख़तम होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नहीं किया रहता और उस दौरान उसकी दुखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह माना जायेगा की वह जीवित होते तो पूर्व कि भातिं सहयोग करते। किन्तु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु हो जाती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती हैं तो उस स्तिथि में दिवंगत सदस्य के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा ।

यह नियम सिर्फ नवोदयन के स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गंभीर दुर्घटना / बीमारी / अस्पताल में होने कि स्तिथि में ही मान्य होगा ।

9. सुसाइड या किसी विवादित केस या अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक हो , में कोर टीम के पास पड़ताल करके वस्तु स्तिथि से अवगत होने के बाद निर्णय लेने का अधिकार होगा, जो कि सर्वमान्य होगा । आवश्यकता पड़ने पर जिला इकाई या सदस्यों की राय भी ली जा सकेगी ।

9.(A) वस्तुतः एक से अधिक नवोदयन / सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु की तिथि के क्रम में ही सहयोग किया जाएगा । किन्तु यदि किन्ही दो या अधिक नवोदयन / सदस्यों की मृत्यु एक ही तिथि में होती है तो ऐसी स्तिथि में उस नवोदयन / सदस्य का सहयोग पहले किया जायेगा जिसके सहयोग करने का प्रतिशत / एवरेज अधिक होगा । उसके बाद अन्य का । उपरोक्त प्रकरणों में किसी विशेष परिस्थिति जैसे – स्थलीय निरिक्षण न हो पाना , कुछ तकनीकी कमी आदि मामलो में कोर टीम सहयोग के क्रम का निर्णय अपने विवेकानुसार ले सकेगी ।

9.(B) नॉमिनी सम्बन्धी विवाद की स्थिति में प्रदेश / कोर टीम परीक्षणोंपरांत निर्णय लेने और सहयोग करवाने हेतु स्वतंत्र होगी ।

10. उपरोक्त नियमो से हट कर न किसी का सहयोग किया जा सकेगा न ही किसी का सहयोग रद्द किया जा सकेगा

10.(A) अनुशासनहीनता, संस्था विरोधी गतिविधि या किसी प्रकार की साजिश करने वालो के विरुद्ध संस्था की कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा । कोई भी नवोदयन संस्था के साथ साथ अन्य समान प्रकार के संघो/टीम में सदस्य के रूप में रह सकता है , किन्तु किसी अन्य सम विषयक टीम के पदाधिकारी के रूप में कोई नवोदयन संस्था का वैध मेम्बर प्रथम द्रष्टया नहीं होगा (इस प्रकरण पर कोर टीम निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होगी) । कोई भी नवोदयन / सदस्य या अन्य नवोदय सोशल केयर समिति के खिलाफ दुष्प्रचार या अफवाह फैलाता है , बिना सबूत या आकड़े प्रस्तुत किये आरोप लगता है तो टीम उसके विरुद्ध किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने हेतु स्वतंत्र होगी ।

10.(B) टेलीग्राम ग्रुप, वेबसाइट या अन्य माध्यमों से जानकारी हेतु समस्त सूचनाएं समय समय से प्रदान की जाती है । कोई सदस्य अगर इन माध्यमों से सूचनाये प्राप्त नहीं करता है तो वह स्वयं जिम्मेदार होगा ।

10.(C) नवोदयन/सदस्य हेल्पलाइन अथवा या वेबसाइट के माध्यम से, अपना सवाल जवाब प्राप्त कर सकेंगे ।

10.(D) समय और आवश्यकता को देखते हुए संस्था के किसी भी नियमो में कभी भी संशोधन / परिवर्तन किया जा सकेगा ।

10.(E) सस्था सहयोग सीधे दिवंगत परिवारों के नामिनी के खाते में करवाती है इस लिए किसी भी प्रकार की न्यायिक चुनौती देने का अधिकार किसी सदस्य या व्यक्ति के पास नहीं होगा ।

11. संस्था किसी भी नवोदयन को जबरन या दवाब दे कर सदस्य नहीं बनाती है , सदस्यों को नियम स्वीकार कर के ही सदस्य बनने का विकल्प प्रदान किया जाता है । स्वेच्छा से कोई भी सदस्य कभी भी खुद को अलग कर सकता है । इस संस्था से जुड़ने का मतलब आपने सभी नियमों को पढ़ लिया है और आप इन नियमों से सहमत हैं ।

12. संस्था से जुड़ने हेतु कोई भी सदस्यता शुल्क नहीं है , कोई भी नवोदयन नियम एवं शर्तो से सहमत होकर निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करके सदस्य बन सकता है और सहयोग कर सकता है। सहयोग पाने हेतु उपरोक्त नियमो के तहत ही दावेदारी होगी। सहयोग के नियमों का पालन करने के साथ साथ वार्षिक व्यवस्था शुल्क देना भी अनिवार्य है। वार्षिक व्यवस्था शुल्क और सहयोग के नियमों का पालन करने पर ही आपके सहयोग पाने की पात्रता रहेगी । किसी भी विवाद की स्थिति में वेबसाइट मे अपलोड नियामवली ही मान्य होगी एवम अंतिम निर्णय कोर टीम का होगा। जो सर्वमान्य होगा।

13. संस्था का सदस्य बनने के साथ ही संस्था के सभी सोशल मिडिया ग्रुपों से जुड़ना अनिवार्य होगा क्योंकि सभी अधिकारिक सूचनाएं सोशल मिडिया के माध्यम से ही दी जाएँगी। सुविधाओ के दृष्टिगत अन्य माध्यमो से भी सूचनाये देने का प्रयास किया जायेगा लेकिन यह किया जाना बाध्यकारी नहीं होगा ।

14. सहयोग के दौरान कूटरचित/फर्जी रसीद या नियमो के विपरीत कार्य करने वाले सदस्यों के बारे में कोर टीम निर्णय लेने की अधिकारी होगी । ऐसे सदस्यों की वैधानिकता भी समाप्त की जा सकेगी और लाभ से वंचित भी किया जा सकेगा ।

15. सहयोग राशि 65 वर्ष की उम्र तक ही प्राप्त की जा सकेगी. 65 वर्ष की आयु पूर्ण करने के उपरांत होने वाले निधन पर कोई सहयोग नहीं किया जाएगा. (यहाँ पर यह बताना उचित होगा सदस्य बनने की आयु 21 से 50 वर्ष है और सहयोग प्राप्त करने की अधिकतम आयु 65 वर्ष निर्धारित है)

16. व्यवस्था शुल्क यह अनिवार्य है तथा वार्षिक है। जो सदस्य चाहे वो समिति के खाते में मात्र 100/- रुपये वार्षिक जमा करके निम्न लाभ प्राप्त कर सकता है । व्यवस्था शुल्क का हिसाब समय समय पर समिति द्वारा दिया जायेगा । वार्षिक व्यवस्था शुल्क जमा तारीख से एक वर्ष पूरे होने के उपरान्त अगले एक महीने के अन्दर जमा करना अनिवार्य होगा।

व्यवस्था शुल्क से प्राप्त राशि से समिति सदस्यों को निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करेगी –

1. वेबसाइट के निर्माण और संचालन में

2. ऐप बनवाने और संचालन में

3. SMS सुविधा उपलब्ध करने में (TRAI से अनुमति मिलते ही यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी)

4. एक ऑफिस और एक टेक्निकल सपोर्ट रखने में जो आपको तकनीकी मदद करेगा

5. स्थलीय निरीक्षण करने में

6. संस्था (NSCT) में ज्यादा से ज्यादा नवोदयन को जोड़ने के अभियान में

7. समय समय पर नयी तकनीकी का इस्तेमाल करने में ताकि प्रक्रिया पारदर्शी के साथ साथ आसान बन सके

नोट – सदस्यों द्वारा अपना सहयोग सीधा मृतक नवोदयन के नॉमिनी को दिया जाता है अतः आपके द्वारा दिए गए सहयोग के बदले सहयोग प्राप्त करने का कोई क़ानूनी अधिकार नहीं होगा , यह पूरी तरह सदस्यों की मर्जी पर निर्भर रहेगा । टीम द्वारा अपील करने पर सहयोग कम या ज्यादा आने पर या ना आने की दशा में टीम जिम्मेदार नहीं होगी क्योंकि टीम सिर्फ सहयोग की अपील करती है । अतः किसी तरह की देनदारी के लिए क़ानूनी अधिकार मान्य नहीं होगा । कोई तथ्य छुपाकर या बिना पात्रता पूरी किये जुड़ जाता है और सहयोग कर देता है , तो उसका दावा मान्य नहीं होगा ।

परिभाषा
a. संस्था से अभिप्राय नवोदयन सोशल केयर समिति (प्रयुक्त नाम नवोदय सोशल केयर टीम) नवोदयन से अभिप्राय –
b. नवोदयन से तात्पर्य यह है कि पूरे भारत वर्ष के जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़े हुए पूर्व छात्र चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या संप्रदाय से आते हों.और कहीं पर भी रहते हों

a.संस्था का वर्ष : संस्था का कार्यकारी व लेखा जोखा बर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक रहेगा. सभी कार्य हिंदी / अंग्रेजी भाषा में होंगे.
b. सदस्यता की पात्रता : देश का कोई भी नवोदयन व्यक्ति (पुरुष/महिला) जिसकी वैधानिक आयु 21 वर्ष से कम न हो और 50 वर्ष से अधिक न हो. जो संस्था के विधान, उद्देश्य तथा कार्य में विश्वास रखता हो. संस्था का सदस्य विधान के नियमानुसार बन सकता है
c. सदस्य की अपात्रता :- अनुशासन हीनता, संस्था विरोधी गतिविधि, या किसी प्रकार की साजिश रचने वाले, दुष्प्रचार या अफवाह फैलाने वाले, नियमों का पालन न करने वाले सदस्य अपात्र किए जा सकेंगे

(भविष्य में जरूरतों को देखते हुए नियमो में परिवर्तन का अधिकार नवोदय सोशल केयर समिति के पास होगा , विवादास्पद स्थिति में कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित होगा ।)

किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी। और कोर टीम का निर्णय ही अंतिम एवं मान्य होगा।