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साथियों,
किसी भी नवोदयन की आकस्मिक/असामयिक मृत्यु हो जाने के दौरान उनके वृद्ध माता पिता, पत्नी और छोटे बच्चों की जिम्मेदारी कैसे पूरी होगी,इन सब चिंताओं से परिवार परेशान होता है. सहयोग की जरुरत है लेकिन किससे कहें और कौन साथ देगा. इस बीच नवोदय के बैचमेट को जानकारी मिलती है और कुछ सहयोग राशि उन्हें दी जाती है. लेकिन यह राशि इतनी नही होती जितनी बडी जिम्मेदारी । बच्चों की पढाई, परिवार का भविष्य यह कैसे संभलेगा ? ऐसी वास्तविक घटनाओं से रोज ही हम सब रूबरू हो रहे हैं। ऐसे बहुत से अपने नवोदय साथियों के परिवार उनकी आकस्मिक मृत्यु के पश्चात ऐसी विषम परिस्थितियों से जूझ रहे हैं।
क्या हम बतौर नवोदयन या इतनी बड़ी नवोदय शक्ति अपने दिवंगत साथियों के जाने के बाद उनके परिवार का सहयोग नहीं कर सकते हैं ?
बेशक कर सकते हैं, लेकिन अगला प्रश्न उठता है कैसे
?
तो इसके समाधान के लिए बनाई गई है नवोदयन सोशल केयर टीम जो संकट की घडी में दिवंगत नवोदयन के परिवार को अधिक से अधिक आर्थिक सहयोग करा सके।
नवोदयन सेल्फ केयर
1. क्या है नवोदय सोशल केयर समिति (NSCT)
आइये जानते हैं नवोदयन सेल्फ केयर समिति के बारे में । क्या है NSCT?
NSCT नवोदयन का, नवोदयन के लिए, नवोदयन के द्वारा नवोदयन के आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके परिवार को आर्थिक सहयोग करने हेतु बनाया गया एक समूह है । नवोदयन से तात्पर्य यह है कि जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़े हुए पूर्व छात्र चाहे वो किसी भी धर्म, जाति या सम्प्रदाय से आते हों ।
2. NSCT के साथ कौन जुड़ सकता है ?
कोई भी नवोदयन जिसकी उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक या 51 वर्ष से कम है, इसमें जुड़ सकता है। इससे पूरे देश के पूर्व नवोदयन जुड़ सकते हैं ।
3. NSCT का लक्ष्य/उद्देश्य क्या है?
नवोदयन को टीम भावना के साथ सभी को जोड़ना और टीम के किसी भी वैधानिक सदस्य की आकस्मिक म्रत्यु होने पर उसके परिवार को सहयोग प्रदान कराना।